How to reach Chitkul Travel Guide 2020 : मैं एक बार चिटकुल (चितकुल या छितकुल) आया हूं। ये दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। तिब्बत बॉर्डर पर भारत के हिमाचल प्रदेश का यह आखिरी गांव और यहां की वादियां और यहां के पहाड़ हमेशा एक अगल अनुभव देते हैं। इस गांव में कनेक्टिविटी न होने की वजह से लोग यहां के प्रकृति का मजा बिना किसी रुकावट के ले सकते हैं। यहां से हम पहाड़ों की चोटी को आसानी से देख सकते हैं और उनके बदलते रंग को भी अपनी खुली आखों से निहार सकते हैं।
मैं चिटकुल अगस्त में आया हूँ, वैसे ठंडियों में और गर्मीयों में.. आप हर मौसम में यहां आ सकते हैं। इस ट्रैवल गाइड में आगे आपको पता चलेगा कि आप चिटकुल में कहां-कहां रुक सकते हो, साथ ही कम समय में आप ज्यादा ये ज्यादा कहां-कहां घूम सकते हो, कम पैसे में कहां तक जा सकते हो इसी के साथ मैं आपको बताऊंगा कि यहां के यानी चिटकुल के ATM और कनेक्टिविटी के बारें में। (Rishikesh Travel Guide 2020 )
भारत-चीन (तिब्बत) सीमा के पास स्थित चिटकुल गांव जोकि हिमाचल के किन्नौर घाटी (जिले) में हैं। यहां से यात्री अक्सर स्पीति वैली की ओर जाते हैं। दिल्ली से चिटकुल की दूरी 570KM है साथ ही समुद्र से इसकी उचाई 3, 450 मीटर है। ये भारत के उत्तरीय दिशा का आखिरी गांव है जो कि भारत चीन (तिब्बत) सीमा से 90KM दूर है। (Badrinath Temple and Mana Village Travel Guide 2020)
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ये आप पर निर्भर है कि आपको कौन से मौसम में चिटकुल आना है। ठंडियों में आपको यहां बर्फ से ढकी सफेद चादर दिखाई देगी। वहीं गर्मियों में आपको यहां हरियाली और रंग बिरंगे फूल पत्तियां और खिले खिले पहाड़ और नदियों में बहता पानी दिखाई देगा।
चिटकुल में मई से सितंबर तक (May to September in Chitkul)
इस सीजन में आपको काफी कम ठंड का सामना करना होगा, साथ ही आपको कपड़ों की 2 या 3 लेयर पहननी होंगी। इस समय चिटकुल की बसपा रिवर का पानी बहता हुआ नजर आएगा जो काफी खूबसूरत दिखाई देगा। इस मौसम में आप पहाड़ों और सड़कों पर थोड़ी बहुत बर्फ देख पाएंगे पर इस टाइम पूरी घाटी काफी खूबसूरत लगती हैं।
सर्दियों में चिटकुल (Winters in Chitkul)
इस समय पूरा चिटकुल सफेद परत से डका रहता है। इस समय बड़ी मुश्किल से होटल और होम स्टे की सुविधा मिलती है। यहां का पूरा पानी बर्फ बन जाता है तो अगर आप यहां सर्दियों में आते हो तो पहले ही से गर्म पानी की बाल्टी भरकर रख ले। लद्दाख की चादर ट्रेक की तरह ही यहां की बसपा नदी का पानी भी जम जाता है। इसीलिए ज्यादातर यात्री इस मौसम का मजा लेने के लिए यहां आते हैं। सर्दियों में चिटकुल किसी जन्नत से कम नहीं होता है।
कोई बस, ट्रेन या फ्लाइट दिल्ली से चिटकुल सीधे नहीं जाती है। आपको अपनी यात्रा को कुछ भागों में बांटना होगा।
बस से कैसे पहुंचे चिटकुल
दिल्ली के कश्मीरी गेट से शिमला के लिए लगभग हर समय बसें उपलब्ध रहती हैं। दिल्ली से शाम में शिमला की बस लें और शिमला से बस मिलेगी जो सीधे आपको चिटकुल पहुंचाएगी। वो बस शिमला से सुबह 6 बजे निकलती है, उसका किराया लगभग 450 रुपए है।
दिल्ली से चिटकुल फ्लाइट से कैसे पहुंचे (Delhi to Chitkul By Air)
अगर आप कहीं दूर रहते हो तो आपके लिए सबसे पास का हवाई अड्डा शिमला का होगा। हालांकि, बुकिंग से पहले दिल्ली और चंडीगढ़ तक की उड़ानों के बारे में देख लें, क्योंकि संभावना है कि दिल्ली से शिमला की फ्लाइट काफी महंगी हो सकती है। वहीं चंडीगढ़ के लिए सस्ती होगी। चंडीगढ़ से शिमला 110 किमी है।
दिल्ली से चिटकुल ट्रेन से कैसे पहुंचे (Delhi to Chitkul By Train)
शिमला चितकुल का निकटतम रेलवे स्टेशन है। आप शिमला तक ट्रेन से जा सकते हैं उसके बाद आपको बस या अन्य विकल्प लेने होंगे।
चिटकुल के लिए बस और पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Chitkul By Bus or Public Transport)
आप आराम से चिटकुल के लिए चंडीगढ़ या शिमला से HRTC बस ले सकते हैं। यहां से अगर चिटकुल के लिए सीधे बस न मिले तो आप यातो सीधे संगला (Sangla) जाएं जो कि चिटकुल के काफी करीब है या फिर उससे पहले रेकॉग पियो (Reckong Peo) जाए वहां कलपा में घूमे और फिर चिटकुल जाए। मैं आपको आगे सारे रास्तों को विस्तार दे बताऊँगा।
दिल्ली से चिटकुल और चंडीगढ़ से चिटकुल (Delhi to Chitkul + Chandigarh to Chitkul)
आप दिल्ली के ISBT कश्मीरी गेट से चंडीगढ़ के लिए शाम 8 बजे की बस ले सकते हैं। चंडीगढ़ से आप रेकॉग पेओ के लिए शाम 5:50, 6बजे, 7बजे डीलेक्श बस ले सकते हैं। रास्ते में कारचाम (Karcham) पड़ेगा यहां उतर के चिटकुल के लिए दूसरी बस ले सकते हैं।
दिल्ली से चिटकुल +शिमला से चिटकुल (Delhi to Chitkul + Shimla to Chitkul)
आपको दिल्ली के ISBT कश्मीरी गेट से काफी बस मिल जाएंगी शिमला के लिए। अगर आप चिटकुल बिना किसी रुकावट के जाना चाहते हैं तो जैसे मैंने आपको पहले बताया था कारचाम (Karcham) में उतरने के बजाए आप शिमला से पहुंचें और वहां से सीधे चिटकुल की बस लें। वहां से आप चिटकुल के लिए सुबह की 6 बजे की बस ले सकते हैं जिसका किराया है 450 रुपए के करीब है।
रेकॉग पिओ से चिटकुल (Reckong Peo to Chitkul)
रेकॉग पेओ से आपको काफी बस मिल जाएंगी चिटकुल के लिए। ये रहा टाइम
सुबह 9.30 बजे चिटकुल के लिए
सोपहर 12 बजे चिटकुल के लिए
शाम 4 बजे रकक्षम (Rakcham)
अगर आप डायरेक्ट बस मिस कर देते है तो आप करचम (Karcham) के लिए बस ले सकते हैं। रेकॉग पेओ से आपको हमेशा नई बस मिलती रहेगी करचम (Karcham) के लिए। साथ ही आप रेकॉग पियो से बस या कैब भी कर सकते हैं चिटकुल के लिए।
सागला से चिटकुल (Sangla to Chitkul)
अगर आप सागला में रुकते हो तो आप चिटकुल में घूम कर वापस सांगला लौट सकते हो क्योंकि सागला में वो सब कुछ उप्लब्ध है चिटकुल की अपेक्षा। चिटकुल से सांगला डेली बस चलतीं है पर जो आखिरी बस चलती है सागला के लिए वो दोपह 3:30 तक।
चितकुल से रेकॉन्ग पियो (Chitkul to Reckong Peo)
दो बसें हैं जो पियो के लिए रवाना होती हैं – दोपहर 12 बजे और 2 बजे।
दूसरे विकल्प –
चंडीगढ़ तक: यदि आप चंडीगढ़ पहुंचना चाहते हैं तो चितकुल से शाम 4 बजे बस निकलती है। (सर्दियों में समय बदलता रहता है)
पेकिंग पियो के लिए: आप यहां से बस भी ले सकते हैं जो शाम 4 बजे निकलती है और करछम में उतर जाएं। करचम से पियो (लगभग हर आधे घंटे) के लिए अक्सर बसें हैं।
शिमला की सड़कें बेहतरीन हैं। लेकिन, कुछ सड़कें खराब हैं। किन्नौर की सड़कें भारत की सबसे खतरनाक सड़कों में से एक मानी जाती हैं क्योंकि वे सचमुच चट्टानों से बनी हुई हैं और इनमें कई ब्लाइंड टर्न हैं। हालांकि, हमारे HRTC बस ड्राइवर बेहद प्रशिक्षित हैं और ऐसी सड़कों पर ड्राइव करने के लिए चैंपियन हैं। आप उन पर भरोसा कर सकते हैं
दिन 0 – बतसेरी तक पहुँचें (Day 0 – Reach Batseri)
जिस दिन पहुंचे उस दिन बतसेरी घूमें, सांगला घाटी का एक छोटा सा गाँव है बतसेरी। यह बसपा नदी के बाईं ओर स्थित है और एक स्वच्छ वातावरण के साथ एक शांतिपूर्ण ग्रामीण लिबास है यहां पर। यहाँ पर, आप बद्रीनारायण मंदिर (लकड़ी से बनी नक्काशी) पर जा सकते हैं और गाँव में किन्नौरी लिबास को पहन सकते हैं।
दिन 1 – चितकुल जाएँ (Day 1 – Visit Chitkul)
आज आप 12 बजे बस पकड़कर या सीधी टैक्सी लेकर चितकुल के लिए प्रस्थान करें। चितकुल पहुंचने में एक घंटे का समय लगेगा और आप इसकी सुंदरता की विशालता से आश्चर्यचकित होंगे। भारत के आखिरी ढाबे में एक कप चाय का आनंद लें, बसपा नदी के पास जाएं, एकदम सही पहाड़ की सैर करें, माथी मंदिर (Mathi temple) जाएं और यहां दोपहर का भोजन करें।
इसके बाद, आप या तो बतसेरी वापस आ सकते हैं या चितकुल में रह सकते हैं।
दिन 2 – सांगला पर जाएँ (Day 2 – Visit Sangla)
ऐसे करें सांगला को एक्सप्लोर
कामरू किला – सांगला में सांगु मैदानी क्षेत्रों का आनंद लेते हुए कामरू किले की ओर चलते जाएं हैं। कमरू किला हिंदू देवी कामाख्या देवी को समर्पित है
बेरिंग नाग मंदिर – बेरिंग नाग मंदिर जाएँ जो भगवान जग को समर्पित है
Brelengi Gompa – संगला बाजार के पास ही स्थित इस बौद्ध मठ में भी जा सकते हैं
आप या तो जोस्टल में रह सकते हैं या किसी होमस्टे का विकल्प चुन सकते हैं। मैंने बसपा नदी के पास किनारे बना एक कैंप चुना था। जिसका नाम बसपा रिवर कैंप ही था। आप पास के एक गाँव में रहने के लिए चुना सकते हैं, जिसे बतसेरी कहा जाता है, क्योंकि यह काफी एकांत में है। इसके अलावा अगर आप बजट पर यात्रा कर रहे हैं, तो आप किसी भी होमस्टे में रुक सकते हैं।
वोडाफोन को छोड़ दें तो सांगला और बटसेरी में अच्छी नेटवर्क कनेक्टिविटी है। Jio एयरटेल सबसे अच्छा काम करता है। इसके अलावा, एक बार जब आप चितकुल की ओर बढ़ना शुरू करते हैं, तो कोई नेटवर्क कनेक्शन नहीं होता है। केवल बीएसएनएल बिना इंटरनेट के काम करता है। चिटकुल में BSNL का केवल कॉल करने मात्र के लिए नेटवर्क आता है।
आपको आसानी से रेकॉन्ग पियो और सांगला में एटीएम मिल जाएंगे। अन्य स्थानों पर कोई एटीएम नहीं है, इसलिए जब आप इन स्थानों पर जाते हैं तो कैश ले जाना न भूलें। यही हाल पेट्रोल पंपों का है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके टैंक भरे हुए हैं।
हिंदुस्तान का आखरी ढाबा .. यहां आप जरूर जाएं। हालांकि आपको कई ढाबों में मोमोज, थुक्पा, मैगी और चाय भी परोसी जाएगी।
यदि संभव हो तो अपनी कटलरी लें और दुकानदारों से कहें कि वे आपको प्लास्टिक खरीदने के बजाय उसमें खाना दें। यह चितकुल की सुंदरता को नष्ट कर रहा है क्योंकि पहाड़ों में अपशिष्ट फैलाया जा रहा है।
आपसे अनपरोध है कि पहाड़ों पर प्लास्टिक लेकर न जाएं।
होटल / होमस्टे – मैं वास्तव में आपको सुझाव दूंगा कि आप कम से कम एक दिन के लिए होटल बतसेरी में रहें। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है, हालांकि, यदि आप एक बजट पर हैं, तो आप INR 500 / – के लिए होमस्टेस पा सकेंगे।
बस की लागत – रेकॉन्ग पियो से चितकुल तक बस का किराया INR 150 / – से कम होगा। यात्रा के दौरान बसें आपकी सबसे अच्छी दोस्त और सबसे अधिक बजट के अनुकूल साथी होती हैं।
भोजन – विशेष रूप से रेकॉन्ग पियो और कल्पा में कई रेस्तरां विकल्प हैं। जहां INR 150 / – के आसपास कहीं भोजन की लागत होगी। लेकिन चितकुल में खाना सस्ता है।
How to Reach Chitkul 2020
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