DSLR vs Mirrorless Camera which is better for you कैमरा खरीदना चाहते हैं? और अभी तक तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपका पहला कैमरा एक DSLR या मिररलेस सिस्टम (Mirrorless Camera) हो? तो आज हम आपकी ये समस्या हल कर सकते हैं.
DSLR vs. mirrorless: फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की दुनिया में ये सवाल सबसे बड़ा बन चुका है कि आपके पास कौन का कैमरा सिस्टम होना चाहिए, क्या वह DSLR या फिर mirrorless हो!! वैसे डीएसएलआर और मिररलेस दोनों कैमरे में एक महत्वपूर्ण फीचर है: आप लेंस को स्वैप कर सकते हैं. आप एक एडॉप्टर की मदद से एक दूसरे के लेंस इस्तेमाल कर सकते हैं.
सबसे पहले तो आसान भाषा में ये जान लीजिए की डीएसएलआर और मिररलेस कैमरा में अंतर (difference between DSLR vs Mirrorless Camera) क्या है! तकनीकी जिस कैमरे में मिरर का इस्तेमाल नहीं किया गया हो वह मिररलेस कैमरा कहलाता है.
मिररलेस कैमरा सिस्टम सभी अद्भुत अत्याधुनिक तकनीक (cutting-edge tech) का दावा करता है, जबकि डीएसएलआर अभी भी उस सिस्टम में लगातार सुधार कर रहे हैं जिसे दशकों से फोटोग्राफरों अच्छी तरह से इस्तेमाल करते आ रहे हैं. एक तरह से दोनों ही तरह के कैमरे तस्वीरें धांसू क्लिक करेंगे, लेकिन हांथ में पकड़ने पर वे बहुत अलग तरह से महसूस होते हैं और काम भी अलग तरह से करते हैं.
मिररलेस के फैंस कैमरों की पतली, पोर्टेबल बॉडी, उनके फास्ट और साइलेंट शटर व उनकी मैकेनिकल सिंपलीसिटी को पसंद करते हैं. जबकि, DSLR के फैंस ये कह सकते हैं कि उनकी बड़ी बॉडी (मिररलेस की तुलना) में ज्यादा देर तक पकड़े रहने में आरामदायक लगती है. इसके अलावा बेस्ट इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर (electronic viewfinders) भी एक ऑप्टिकल व्यूफाइंडर (optical viewfinder) की कॉपी नहीं कर सकता है. बता दें कि मिररलेस में इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर होता है जबकि डीएसएलआर में ऑप्टिकल व्यूफाइंडर होता है. व्यूफाइंडर कैमरे का वह पार्ट होता है जिसमें आंख लगाकर हम कैमरे से बाहर के दृश्य देखते हैं.
मिरर की वजह से DSLR कैमरों का आकार और वजन अधिक होता है। मिररलेस कैमरे में लेंस और सेंसर के बीच mirror नहीं होने से लाइट हर वक्त सेंसर तक पहुंचता रहता है। कैमरा ऑन होने पर सेंसर को मिले इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स के आधार पर कैमरे के इलेक्ट्रॉनिक व्यू फाइंडर में सामने का दृश्य दिखाई पड़ता है।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि फुल फ्रेम मिररलेस कैमरा (mirrorless camera) खरीदने का सपना देश के एंट्री लेवल से लेकर प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स (professional photographers) तक, हर किसी में तेजी से बढ़ रहा है.
इस सवाल का जवाब हां या न में नहीं है. लेकिन मुझे ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि लेटेस्ट और सबसे बड़ी तकनीक अब मिररलेस कैमरों में पाई जाती है. लेकिन डीएसएलआर के साथ एडवांटेज ये है कि आपके पास लेंस को लेकर व्यापक रेंज होती है. डीएसएलआर में लेंस के विकल्प ज्यादा हैं. आमतौर पर बेहतर ऑप्टिकल व्यूफाइंडर के अलावा और डीएसएलआर में बेहतर बैटरी लाइफ मिलती है। तो आपको तय करना है कि आप ज्यादा लेंस के साथ प्रयोग करना चाहते हैं या लिमिटेड. मिररलेस कैमरा साइलेंट पिक्चर क्लिक करने के लिए जाने जाते हैं. क्योंकि मिररलेस में मिरर नहीं होता है. dslr की बैटरी लाइफ मिररलेस की तुलना में काफी ज्यादा होती है.
अगर आप एक बिगनर हैं तो आप एक सस्ते DSLR के लिए जा सकते हैं. DSLR मिररलेस के मुकाबले सस्ते होते हैं. शुरुआती लोगों के लिए, मिररलेस कैमरे अक्सर उनके अधिक कॉम्पैक्ट साइज और ईजी कंट्रोल के कारण बेहतर विकल्प हो सकते हैं. Vlogging करने वालों के लिए मिररलेस कैमरे अच्छे विकल्प हैं लेकिन Canon 200d या Canon 200d mark ii जैसे DSLR कैमरे भी हैं जो वीडियो वीडियो Vlogging के लिए बेहद ही शानदार विकल्प हैं. मिररलेस के लेंस डीएसएलआर के मुकाबले महंगे होते हैं. इनमें विकल्प भी कम होते हैं.
ये बड़ा व्यापक सवाल है. हाल फिलहाल में ऐसा नहीं होने वाला है. वैसे मिररलेस ने पहले ही कुछ लोगों के लिए DSLRs को रीप्लेस कर दिया है। मिररलेस अब कई तरह के इस्तेमालों के लिए डीएसएलआर का एक वैध विकल्प बन चुका है। कैज़ुअल शूटिंग, लैंडस्केप, ट्रैवल फ़ोटोग्राफ़ी, पोर्ट्रेट, स्ट्रीट फ़ोटोग्राफ़ी और यहां तक कि कुछ फोटो जर्नलिज्म और इवेंट फ़ोटोग्राफ़ी जैसी फ़ोटोग्राफ़ी के लिए यह निश्चित रूप से सही विकल्प बन चुका है. लेकिन डीएसएलआप अभी भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.
DSLRs पर मिररलेस की टेक्नीकल बढ़त का कारण उनका साइज और वजन भी है. अधिकांश मिररलेस कैमरे केवल डीएसएलआर की तुलना में छोटे और लाइटर शूटिंग किट की तरह होते हैं, इसलिए जैसे ही आप फोटोग्राफी में आगे बढ़ते हैं आप हैवी गियर, भारी बैग ले जाने में भी थक जाते हैं और फिर वे मिररलेस विकल्पों पर विचार करना शुरू कर देते हैं. लेकिन मिररलेस को टक्कर देने के लिए DSLR नई नई तकनीकों को इजाद कर रहा है.
Battery life – बैटरी लाइफ मिररलेस कैमरों का डिसएडवांटेज है. हालांकि यह दिन पर दिन बेहतर हो रहा है!
Ergonomics – एर्गोनॉमिक्स यानी कि हांथ में पकड़ते समय हर किसी को छोटे कामरे पसंद नहीं आते हैं. बड़े हाथों वाले किसी के लिए भी मिररलेस छोटा, शायद बहुत छोटा कैमरा लगेगा.
Limited lens selection – लिमिडेट लेंस सिलेक्शन.. हालांकि ये एरिया भी बेहतर हो रहा है! लेकिन अभी भी मिररलेस कैमरों में लेंस के ज्यादा विकल्प नहीं हैं.
Electronic viewfinder – इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर इसका डिसएडवांटेज है. लो लाइट एनवायरमेंट में इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर लिमिटेड काम करता है.
जी हां, प्रो फोटोग्राफर मिररलेस कैमरों का इस्तेमाल करते हैं। मिररलेस कैमरे पेशेवर स्तर के काम करने में 100% सक्षम हैं। मिररलेस कैमरे डीएसएलआर की जगह ले रहे हैं, इसलिए जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, अधिक से अधिक पेशेवर मिररलेस का इस्तेमाल करेंगे।
अधिकांश पेशेवर फोटोग्राफर अभी भी डीएसएलआर का उपयोग करते हैं। लेकिन वे धीरे-धीरे मिररलेस में बदल रहे हैं क्योंकि डीएसएलआर पुराने होते जा रहे हैं. हालांकि अधिकांश पेशेवर अभी भी डीएसएलआर का इस्तेमाल इसलिए भी करते हैं क्योंकि मिररलेस काफी महंग हैं।
इसका जवाब भले ही हां हो, लेकिन अब चीजें उतनी सरल नहीं हैं जितनी वे लग रही हैं। 95% फ़ोटोग्राफरों (दोनों एमेच्योर और पेशेवर) के लिए, एक डीएसएलआर कैमरा खरीदने लायक है, लेकिन केवल तभी जब वे एक लाभदायक फोटोग्राफी व्यवसाय करते हैं। लेकिन उन लोगों के लिए जो सिर्फ एक शौक के रूप में फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं उनके लिए नहीं है।
सबसे अच्छे कैमरे की तलाश में हैं? हमारी इन-डेप्थ गाइड आपके लिए सही कैमरा खोजने में आपकी मदद करेगी। तो क्या आप एक बजट मिररलेस कैमरा, शुरुआती DSLR या एक फुल-फ्रेम पावरहाउस की तलाश कर रहे हैं? इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही कैमरा खरीदें।
यह एक बेस्ट ऑलराउंडर कैमरा है जिसे आप इस साल खरीद सकते हैं
बेहतरीन फीचर्स से लैस एक शानदार कैमरा है.
अब भले ही ये मिररलेस किंग न रहा हो लेकिन उससे ज्यादा दूर भी नहीं है।
यह वर्सटाइल ऑल-राउंडर कैमरा हिट है।
आज की फोटोग्राफी की दुनिया में सभी लड़ाई मिररलेस कैमरों और डीएसएलआर कैमरों के बीच है। मिररलेस सिस्टम अधिक लेंस, बेहतर परफॉर्मेंस और बेहतर निर्माण गुणवत्ता के साथ दिन-प्रतिदिन अधिक परिपक्व हो रहे हैं।
हाई-एंड डीएसएलआर के अपवाद को छोड़ दें, तो मिररलेस कैमरों के पास बढ़त हासिल है। मिरर की कमी से इमेज के बाद इमेज लेना आसान हो जाता है। मिररलेस कैमरों के सरल मैकेनिक उन्हें हाई शटर स्पीड पर प्रति सेकंड अधिक तस्वीरें शूट करने की अनुमति देते हैं।
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