Dayara Bugyal Trek Guide Complete 2020: दयारा बुग्याल ट्रेक (DAYARA BUGYAL TREK 2020) शर्दियों की सबसे फेमस ट्रेक में से एक है। दयारा बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
पहाड़ी लोगों की भाषा में कहें तो दयारा बुग्याल हमारे देश में सबसे सुंदर घास के मैदानों में से एक है। दयारा घास के मैदानों में, घास की रोलिंग कालीन दूर-दूर तक फैली दिखती है। हिमालय की गोद में फैले औषधीय पौधों और मखमली घास से लकदक मैदानों पर कोई भी फिदा हो जाए।
सर्दियों में घास का यह कालीन बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है। यहां से बड़े-बड़े पर्वत – माउंट बंदरपूंछ, माउंट ब्लैक पीक, माउंट जोंली, माउंट श्रीकांत, माउंट द्रौपदी का डंडा और भी बहुत कुछ साफ दिखते हैं। शर्दियों में देश और दुनिया से बड़ी संख्या में लोग इस ट्रेक पर जाते हैं।
उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग पर स्थित भट्वारी नामक स्थान से इस खूबसूरत घास के मैदान के लिए रास्ता कटता है।
दयारा बुग्याल (Dayara Bugyal Trek Guide) पहुँचने के लिए यात्रियों को बरसू गांव, जहां यात्री वाहनों द्वारा पहुँच सकते हैं, से ट्रैकिंग द्वारा लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
दयारा बुग्याल से 30 किमी की दूरी पर स्थित दोदीताल (एक ताजे पानी की झील) की यात्रा भी पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय है।
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उत्तराखण्ड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहाँ टिम्बर रेखा (यानी पेडों की पंक्तियाँ) समाप्त हो जाती हैं, वहाँ से हरे मखमली घास के मैदान शुरू होने लगते हैं।
आमतौर पर ये 8 से 10 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित होते हैं। गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।
Dayara Bugyal Trek Guide
बुग्याल हिम रेखा (Snow Line) और वृक्ष रेखा (Tree Line) के बीच का क्षेत्र होता है। स्थानीय लोगों और मवेशियों के लिए ये चरागाह का काम देते हैं तो बंजारों, घुमन्तुओं और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए आराम की जगह व कैम्पसाइट का।
गर्मियों की मखमली घास पर सर्दियों में जब बर्फ की सफेद चादर बिछ जाती है तो ये बुग्याल स्कीइंग और अन्य स्नो गेम्स का अड्डा बन जाते हैं।
गढ़वाल के लगभग हर ट्रैकिंग रूट पर इस प्रकार के बुग्याल मिल जाएंगे।
कई बुग्याल तो इतने लोकप्रिय हो चुके हैं कि अपने आप में पर्यटकों का आकर्षण बन चुके हैं। जब बर्फ पिघल चुकी होती है तो बरसात में नहाए वातावरण में हरियाली छाई रहती है।
अपनी विविधता, जटिलता और सुंदरता के कारण ही ये बुग्याल घुमक्कडी के शौकीनों के लिए हमेशा से आकर्षण का केन्द्र रहे हैं। मीलों तक फैले मखमली घास के इन ढलुआ मैदानों पर विश्वभर से प्रकृति प्रेमी सैर करने पहुँचते हैं।
इनकी सुन्दरता यही है कि हर मौसम में इन पर नया रंग दिखता है। बरसात के बाद इन ढ़लुआ मैदानों पर जगह-जगह रंग-बिरंगे फूल खिल आते हैं।
बुग्यालों में पौधे एक निश्चित ऊँचाई तक ही बढ़ते हैं। जलवायु के अनुसार ये अधिक ऊँचाई वाले नहीं होते। यही कारण है कि इन पर चलना बिल्कुल गद्दे पर चलना जैसे लगता है।
यदि आप एक बिगनर यानी शुरुआती ट्रेक करने वाले हैं, तो यह ट्रेक आपको वहाँ जाने के और भी कारण देती है। शानदार घास के मैदान के साथ, आपको एक अच्छी तरह से हिमालयन ट्रेक का अनुभव मिलता है। दयारा बुग्याल हर मौसम की ट्रेक के लिए मुफीद है।
दयारा बुग्याल (Dayara Bugyal Trek Guide) एक “आसान ट्रेक” में आती है। जिससे शुरुआती लोगों की ये सबसे पसंदीदा ट्रेक में से एक है।
How to Reach Dayara Bugyal from Dehradun : दयारा बुग्याल एक फेमस ट्रेक है। इसलिए यहां पहुंचने के लिए काफी सारे साधन उपलब्ध हैं। हालांकि अगर आप अपनी सवारी से नहीं आ रहे हैं तो यहां पहुंचने के लिए मेन प्वाइंट देहरादून है। दयारा बुग्याल ट्रेक के लिए आपको उत्तरकाशी पहुंचना होगा। फिर उत्तरकाशी से आप रायथल (Raithal) पहुंचे और यहां से दयारा बुग्याल ट्रेक तक पहुँच सकते हैं। यह देहरादून से लगभग 185 किलोमीटर दूर स्थित एक खूबसूरत हिमालयी गाँव है। नीचे जानिए ट्रेक तक कैसे पहुंचे?
दयारा बुग्याल ट्रेक के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो उत्तरकाशी मुख्यालय से लगभग 200 किमी दूर है। देहरादून हवाई अड्डे से उत्तरकाशी तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी जगह रेलवे स्टेशन हैं। उत्तरकाशी से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (लगभग 100 किमी) है। ऋषिकेश से उत्तरकाशी बस/टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
राज्य परिवहन की बसें उत्तरकाशी और ऋषिकेश (200 किमी) के बीच नियमित रूप से चलती हैं। स्थानीय परिवहन संघ और राज्य परिवहन की बसें तथा टैक्सी उत्तरकाशी और ऋषिकेश (200 किमी), हरिद्वार (250 किमी), देहरादून (200 किलोमीटर) के बीच नियमित रूप से चलती हैं।
आप अगर दिल्ली से दयारा बुग्याल की ट्रेक पर जा रहे हैं तो आपको ऋषिकेश से उत्तरकाशी के लिए बस लेनी होगी।
ऋषिकेश पहुंचने के लिए आप दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट से बस रात में बस पकड़ें ताकि सुबह आप ऋषिकेश पहुंच जाएं।
ऋषिकेश से आप उत्तरकाशी के लिए बस ले सकते हैं। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर भटवाड़ी/रैथल गांव है। यहीं से ट्रेक शुरू होती है। रैथल से ट्रेक रूट शुरू होता है।
इसके अलावा यदि आप देहरादून से होकर जा रहे हैं तो यहां से उत्तरकाशी के लिए सुबह जल्दी उठकर बस ले सकते हैं। एक बस आम तौर पर देहरादून रेलवे स्टेशन से उत्तरकाशी के लिए सुबह 8:00 बजे निकलती है। किराया लगभग 250 रुपये होता है।
उत्तरकाशी तक देहरादून के इंदिरानगर मार्केट (सुबह 10:00 बजे तक) या रिस्पना पूल (सुबह 11:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक) से शेयर्ड टैक्सियाँ भी उपलब्ध होती हैं। इनका किराया 300 रुपये होता है।
आप रेलवे स्टेशन से शेयर्ड ऑटो (विक्रम) का उपयोग करके इंदिरानगर मार्केट / रिस्पना पूल तक पहुँच सकते हैं।
उत्तरकाशी पहुंचने के बाद यहां से आपको टैक्सी स्टैंड से रायथल के लिए शेयर्ड टैक्सियाँ मिलेंगी। ये टैक्सियाँ बस स्टैंड पर उतरने के बाद थोड़ा दूर चलने पर ही मिल जाएंगी।
रायथल यहाँ से लगभग 43 किमी दूर है। वहां तक पहुंचने में 1.5 से 2 घंटे लगते हैं। उत्तरकाशी से रायथल पहुंचने के लिए टैक्सी का किराया 100 रुपये होगा।
याद रहे- ये शेयर्ड टैक्सी केवल शाम 4:00 बजे तक उपलब्ध होती हैं।
यदि आपको रायथल तक सीधी टैक्सी नहीं मिलती है, तो भटवाड़ी तक एक शेयर्ड टैक्सी लें। यह आपसे 70 रुपये लेगी। भटवाड़ी से, रायथल 10 किमी दूर है। आप वहाँ से रायथल के लिए साझा टैक्सियाँ पा सकते हैं, जो कि 30 रुपये लेंगे।
दयारा बुग्याल ट्रेक (Dayara Bugyal Trek Guide) पूरे साल जारी रहती है। ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस समय जाना पसंद करते हैं। हर मौसम का अपना अलग आनंद है।
सर्दियों में, लोग बर्फ का अनुभव करने के लिए दयारा बुग्याल की यात्रा करते हैं। सफेद बर्फ में लिपटा होने ये यहां का माहौल किसी स्वर्ग से कम नहीं होता है। शीतल, खस्ता बर्फ़ के गुच्छे, पाइन-ट्री से लटके हुए होते हैं, यहां पहुंचने पर आपको क्रिसमस-वाई वाली फीलिंग आने लगती है।
दिसंबर से फरवरी तक आपको यहां पर जमकर बर्फबारी देखने को मिलती है।
हालांकि, बर्फ गिरने से ट्रेक की कठिनाई को बढ़ जाती है। इसलिए, अगर आप सर्दियों में जा रहे हैं तो अच्छी तरह से तैयारी करें।
दयारा बुग्याल ट्रेक पर गर्मियां गुगुनी होती हैं। पिक्चर काफी क्लियर होता है। हरी घास के मैदान काफी आकर्षक लगते हैं।
हवा में एक अलग गर्मियों की खुशबू होती है, खासकर जब आप ओक और मेपल्स की छाया में ट्रेक करते हैं। इस मौसम में आपको आसानी से पसीना आ जाएगा।
दयारा बुग्याल ट्रेक पर गर्मियों के लिए एक और प्लस साइड है। ठंडे तापमान या बर्फ की चुनौतियों के बिना, यह ट्रेक गर्मियों में सबसे आसान है।
अगर आप बच्चों और फैमिली के साथ जा रहे हैं तो गर्मियों में ये ट्रेक आपके लिए बेस्ट है।
अभी तक हमने आपको जो ऊपर जानकारी दी है उसके मुताबिक आपका बेस कैम्प रायथल गांव है। लेकिन आप इस गांव के अलावा एक और बेस कैम्प है जिसे चुन सकते हैं।
आप बरसू से भी दयारा बुग्याल पहुँच सकते हैं जो रायथल से लगभग 23 किमी दूर है।
यदि आप बारसू से शुरू करते हैं, तो गाँव में कुछ समय बिताना सुनिश्चित करें जो बेहद खूबसूरत है। इसकी कृषि पर करीब से नजर डालें। इतनी ऊंचाई पर फलियां, तरबूज, कद्दू के फलते-फूलते खेत मिलना दुर्लभ है।
यह भी जान लें कि ये प्राचीन हिमालयी गाँव हैं जिनके घर 500 साल पुराने हैं।
बरसू संस्कृति में डूबा हुआ है और इसमें हर साल पांडव नृत्य और रामलीला का प्रस्तुतीकरण होता है।
इनका समय ग्राम पंचायत द्वारा तय किया जाता है, लेकिन यह आमतौर पर सर्दियों की शुरुआत में होता है।
देहरादून से उत्तरकाशी तक आपको कई सारे एटीएम मिल जाएंगे। लेकिन याद रहे कि उत्तरकाशी वह आखिरी प्वाइंट है जहां पर एटीएम उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर यहां से इमरजेंसी कैश निकाल सकते हैं।
लेकिन आखिरी एटीएम भी इतना भरोसा न करें। वे कभी भी आउट ऑफ कैश हो सकते हैं। इसलिए कैश एडवांस में लेकर निकलें।
Dayara ट्रेक पर बिजली की सुविधा रायथल और बारसू दोनों जगह उपलब्ध है।
दायरा बुग्याल ट्रेक पर मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी में बीएसएनएल, आइडिया और वोडाफोन, दोनों रायथल और बारसू में काम करते हैं। जिओ भी पकड़ में आता है।
नोट: इस ट्रेक से जुड़े कोई भी प्रश्न आप पूछना चाहते हैं तो कृप्या कमेंट बॉक्स नें जरूर लिखें।
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